इसमें द्वितीयेश उच्च सूर्य केंद्र अर्थात् दशम स्थान में स्थित है।
2.
यदि दशम भाव में उच्च सूर्य के साथ मंगल हो तों वह व्यक्ति सेना या पुलिस विभाग का मुखिया होता है.
3.
इस प्रकार के शुभ उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक विदेशों में जाकर स्थापित होने में भी सफल होते हैं जबकि ऐसे कुछ अन्य जातक अपने व्यवसाय आदि की सफलता के चलते देश विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं।
4.
वहीं दूसरी ओर कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक के स्वास्थ्य तथा आयु पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके कारण इस प्रकार के अशुभ उच्च सूर्य से पीड़ित कुछ जातकों की आयु सामान्य से कम अथवा बहुत कम भी हो सकती है।
5.
इस प्रकार का अशुभ उच्च सूर्य जातक को विभिन्न प्रकार के रोगों के माध्यम से भी पीड़ित कर सकता है तथा इनमें से कुछ जातक तो किसी घातक अर्थात जानलेवा रोग से भी पीड़ित हो सकते हैं जो इन जातकों को बहुत लंबे समय तक कष्ट देते रहने के पश्चात अंत में इनके प्राण भी हर लेता है।
6.
कुंडली के आठवें घर में उच्च का सूर्य: किसी कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को विदेश में स्थापित करवा सकता है जिसके चलते इस प्रकार के उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक स्थायी तौर पर विदेश में ही बस जाते हैं तथा वहां पर सफलता प्राप्त करते हैं।
7.
कुंडली के बारहवें घर में शुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक को मानसिक शांति प्रदान करता है तथा इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को आध्यात्मिक विकास तथा साधना में रूचि भी प्रदान करता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक आध्यत्मिक रूप से बहुत विकसित होने में सफलता प्राप्त करते हैं।
8.
कुंडली के आठवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को पराविज्ञान तथा आध्यात्म से संबंधित गहन रूचि तथा विकास भी प्रदान कर सकता है जिसके कारण इस प्रकार के शुभ उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक इन क्षेत्रों में गहन रूचि रखते हैं तथा शोध करते हैं तथा इनमें से कुछ जातक ऐसे ही किसी विषय को अपना व्यवसायिक क्षेत्र भी बना लेते हैं तथा ऐसे जातक ज्योतिषी, हस्त रेखा विशेषज्ञ, अंक शास्त्री, वास्तु शास्त्री, जादूगर, जादू टोना करने वाले, तांत्रिक, मांत्रिक अथवा आध्यात्मिक साधक हो सकते हैं।